बांदा: आपको बता दें कि पूरा मामला जिला कलेक्ट्रेट परिसर कार्यालय बांदा से सामने आया है, जहां पर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी पदाधिकारियों ने संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि देश का किसान अपनी फसलों के वाजिबी भाव के साथ उसकी गारंटी कानून की मांग सहित सभी मांगो को लेकर दिल्ली आन्दोलन से ही संघर्ष कर रहा है। देश के दो बड़े किसान मोर्चों सहित कुछ जत्थेबन्दियों हरियाणा पंजाब बॉर्डरों शम्भू व खनौरी पर 13 माह से भी अधिक समय से शान्तिपूर्ण तरीके वार्ता से अपनी मांगो को लेकर आन्दोलन
कर रहे थे।
केन्द्र सरकार किसानों से सभी विषयों को लेकर वार्ता कर रही थी, लेकिन कल जब किसान संगठन व सरकार के मध्य वार्ता समाप्त हुई तो उसके पश्चात वापिस अपने मोर्चों पर लौट रहे किसान संगठनों के नेताओं को पंजाब सरकार के द्वारा गिरफ्तार किया गया। दोनो मोर्चों को प्रशासन के द्वारा तानाशाही रवैये से हटया गया। वहां मौजूद बुजूर्ग किसानों व महिलाओं को भी डिटेन किया गया। जिससे देशभर के किसानों में रोष की स्थिति व्याप्त हुई है। यह हमारे अधिकारों का हनन है क्योंकि हमें ‘राईट टू प्रोटेस्ट” यह अधिकार प्रदान करता है। राष्ट्रपति महोदया इस विषय की गम्भीरता को समझते हुए देश के किसानों के हित में उचित निर्णय लेने का कष्ट करें व संदीप सिंह न्याय दिलाने का काम करें।