*हीट स्ट्रोक से बचने के लिए, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं*…. प्राचार्य
समस्त जनपदवासियों से अपील है कि धूप और लू से बचे व सावधानियों का पालन करें… प्राचार्य
कौशाम्बी….लू अर्थात हीट स्ट्रोक कहर की तरह लोगो पर टूट पड़ा है। लगभग पूरा उत्तर भारत में गर्मी और लू का कहर जारी है। लोगों के लिए जून का महीना जान लेवा साबित हो रहा है हीट स्ट्रोक ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है।लू से बचाव कैसे करें और क्या सावधानी बरतें।कौशांबी ब्यूरो सुनील साहू ने प्राचार्य स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज कौशांबी डॉ हरिओम सिंह से लू से बचाव और सावधानी के संबंध मे खास बातचीत की है।डॉ हरिओम सिंह ने बताया कि हीट स्ट्रोक से बचने के लिए, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनें, दिन के सबसे गर्म समय में बाहर निकलने से बचें, और धूप में सिर को ढककर रखें।लू से बचने के लिए खूब पानी पिएं, भले ही आपको प्यास न लगी हो।लू से बचने के लिए लहसुन और प्याज का सेवन भी फायदेमंद हो सकता है।
हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनें जो पसीने को सोख सकें।दिन के सबसे गर्म समय में (12-3 बजे) बाहर निकलने से बचें, और अगर बाहर जाना जरूरी हो तो सिर को टोपी या कपड़े से ढककर रखें।धूप में नंगे पैर न चलें और छायादार जगह पर रहें।
ठंडे पानी से स्नान या शॉवर लेने से शरीर को ठंडा रखने में मदद मिलती है। उन्होंने लोगो से अपील किया है कि खाली पेट रहने से लू लगने की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए खाली पेट न रहें।शराब और कैफीन के सेवन से शरीर का तापमान बढ़ सकता है।लू से बचाव के लिए आप छाछ, नींबू पानी और नमक-शक्कर (ओआरएस का घोल)का घोल पी सकते हैं।धूप में लगातार काम करने से बचें और बीच-बीच में आराम करें। घर को ठंडा रखें,दिन के समय खिड़कियाँ और पर्दे बंद रखें और रात में उन्हें खुला रखें।
यदि आपको लू लगने के लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से सलाह लें।
*लू लगने पर प्राथमिक उपचार*
प्राचार्य स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज कौशांबी डॉ हरिओम सिंह ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति को छायादार जगह पर लिटाएं और उसके शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करें।पीड़ित व्यक्ति को ठंडा पानी पिलाएं।पीड़ित व्यक्ति को ठंडा पानी या पेय पदार्थ जैसे कि कच्चे आम का पन्ना पिलाएं।पीड़ित व्यक्ति के सिर पर ठंडी पट्टी लगाएंपीड़ित व्यक्ति के सिर पर ठंडी पट्टी लगाएं।यदि पीड़ित व्यक्ति की हालत गंभीर है तो उसे तुरंत अस्पताल ले जाएं।
प्राचार्य डॉ हरिओम सिंह ने बताया कि लू लगने पर अत्यधिक प्यास शरीर के तापमान का बढ़ जाना, अधिक पसीना एवं चिपचिपी त्वचा अथवा पसीना आना बन्द हो जाना, सिर दर्द, सिर का भारीपन महसूस होना त्वचा का सूखा एवं लाल होना, जी मिचलाना ,उल्टी होना, चक्कर आना,उलझन में होना, साँस की समस्या, श्वसन प्रक्रिया तथा धड़कन तेज होना, बेहोश हो जाना, मांसपेसियों में ऐंठन,पेशाब का कम होना जैसे लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने ने बताया कि उपरोक्त लक्षणों के होने पर व्यक्ति को तुरन्त पंखे के नीचे तथा छायादार ठण्डे स्थान पर ले जायें, शरीर को गीले कपड़े से स्पंज करें, ओ०आर०एस० का घोल पिलायें, नीबू का पानी नमक के साथ पिलाये, मांसपेसियो पर दबाव डालें तथा हल्की मालिस करें। यदि कुछ समय में स्थित सामान्य न हो तो मरीज को तुरन्त चिकित्सा केन्द्र ले जायें।समस्त जनपदवासियों से अपील है कि धूप और लू से बचे और सावधानियों का पालन करें।