जाँच के दौरान घोटाले में ग्राम विकास अधिकारी हुआ था निलंबित
कोखराज कौशांबी: सिराथू तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत कशिया पश्चिम में 20/03/2025 को कृषि उपनिदेशक के द्वारा ग्राम पंचायत में 13 लाख रुपये के घोटाला के मामले में पूर्व ग्राम विकास अधिकारी सतीश चौधरी को सरकारी शौचालय के घोटाले में निलंबित किया गया था लेकिन ग्राम प्रधान बच निकले जिसकी जॉच कृषि उपनिदेशक ने किया था जिसमें शौचालय घोटाले की सत्यता देखी तो घोटाला सही पाया गया जिसमें केवल दो लोगों को शौचालय निर्माण का रुपया मिला था बाकी फर्जी लिस्ट देकर अधिकारी को गुमराह करने में कई ग्रामीणों से पूछा तो सच सामने आ गया लोगों ने बताया की वह अपने रूपयों से निर्माण कार्य कराया है प्रधान के द्वारा कोई भी राशि नही मिली जिससे जांच कर रहे अधिकारी को ग़ुस्सा भी आया था लेकिन उन्होंने कहा कि फर्जी गुमराह मत करिए जिन शौचालय की ग्राम प्रधान ने लिस्ट दिया था सभी फर्जी मिले थे ग्राम प्रधान पर आरोप लगाने की बात कही जिससे जांच कर रहे अधिकारी ने कहा कि एक भी लाभार्थी का नाम शौचालय की दीवाल में लिखा नही है अधिकारियों को गुमराह करने के लिए इधर उधर प्रधान व प्रधान पुत्र घुमाते रहे जिस पर उनका पारा फिर चढ गया और फटकार लगाते हुए कहा कि गलत है फर्जी अभिलेख देकर बचना चाहते हो वह नही हो पायेगा मौके सन्नो पत्नी महेश ,वीरेन्द्र व राजेन्द्र पुत्र झगडू राम ने जाँच अधिकारी के पूछने पर बताया कि हमकों एक रुपया भी नही मिला वही एक विकलांग ब्यकित भी कृषि निदेशक से अपने लिए शौचालय की गुहार लगायी जिस पर प्रधान पुत्र भड़क गया और कहा नही मिलेगा कृषि निदेशक द्वारा शौचालय देखे गये उनमें लगभग तीन हिस्सा शौचालय पात्रता वालों के नहीं मिले और न ही मौके पर थे कई लोगों ने बताया की रुपये हमें नहीं दिया गया शौचालय हमने अपने रुपये से बनाये हैं जांच प्रभारी ने अपने मातहत को शौचालय में पात्रता नाम नहीं होने पर बिन्दु वार नोट करने को कहा व जांच अधिकारी को लगभग 4 शौचालय ही मिले थे लेकिन अभी तक घोटाला करने वाले ग्राम प्रधान पर कार्यवाही नही हो सकी जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फिर फैलना सुरु हो गया शौचालय जो मिले भी तो संदिग्ध रहा मौके पर प्लास्टिक बैंक 40 में केवल 7 ही पाया गया था डस्टबीन एक भी नही पाया गया था हर जाँच में झोल ही झोल पाया गया मौके पर ग्राम विकास अधिकारी बुद्ध प्रकाश गौतम व अन्य अधिकारी व ग्रामीणों की मौजूदगी में जाँच करायी गयी जिसमें आठ विंदु की जाँच में कमी ही पायी गयी।