26/11 के हमले: पाकिस्तान के अधिकारियों ने 26/11 के मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के भारत प्रत्यर्पण पर गुरुवार को पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त की। राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित किया गया था, जहां उसे अक्टूबर 2009 में एक अन्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली के साथ एक अलग मामले में गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने भारत पर हुए सबसे भयानक आतंकवादी हमलों में से एक के मुख्य आरोपी से उसकी कनाडाई नागरिकता की ओर इशारा करते हुए खुद को अलग कर लिया।
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय का बयान
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, “तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों में अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है। उसकी कनाडाई राष्ट्रीयता बहुत स्पष्ट है।” विशेषज्ञों का मानना है कि तहव्वुर राणा के पाकिस्तानी सेना और आईएसआई से संबंध तब ठीक से स्थापित हो सकते हैं, जब वह भारत में कानून का सामना करेगा। इस्लामाबाद को डर है कि राणा मुंबई 26/11 हमलों की साजिश रचने में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में खुलासा कर सकता है।
तहव्वुर राणा का अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण
पाकिस्तानी-कनाडाई डॉक्टर तहव्वुर राणा शिकागो में एक ट्रैवल एजेंसी का मालिक था, जिसका इस्तेमाल मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली ने हमले से पहले भारत की अपनी यात्राओं के लिए किया था।
शिकागो में हुई गिरफ्तारी
हेडली और राणा दोनों को अक्टूबर 2009 में शिकागो में गिरफ्तार किया गया था, जब वे कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद का कार्टून छापने वाले डेनिश प्रकाशन के खिलाफ एक मिशन को अंजाम देने जा रहे थे। बाद में, हेडली इस मामले में सरकारी गवाह बन गया और उसने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े 10 आतंकवादियों द्वारा 26 नवंबर से 29 नवंबर, 2008 तक किए गए मुंबई हमलों में अपनी और राणा की भूमिका के बारे में गवाही दी, जिसमें 166 लोग मारे गए थे।
राणा को अमेरिका से एक विशेष विमान में भारत वापस लाया जा रहा है। उसे तिहाड़ जेल में उच्च सुरक्षा वाले वार्ड में रखे जाने की संभावना है। उसे जेल में रखने के लिए आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं और जेल अधिकारी संभवतः अदालत के आदेश का इंतजार करेंगे।