उत्तर प्रदेश: बांदा जिले के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के फिजिशियन डाक्टर एस के यादव ने भेंट वार्ता के दौरान हीटवेव गर्मी से बचाव हेतु कुछ उपाय बताये। उन्होंने बताया कि अप्रैल महीने में बढते हुए तापमान एवं गर्मी के प्रभाव से बचाव हेतु सभी को कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता है। डाक्टर एस के यादव द्वारा बताये गए कुछ मुख्य उपाय निम्न प्रकार है:-
- अधिक परिश्रम के मध्य में विश्राम आवश्य करें।
- छाया में विश्राम करें।
- प्यास की ईच्छा न होने पर भी पानी पिएँ।
- गर्मी अधिक लगने पर स्नान करें।
- अधिक गर्मी में व्यायाम नहीं करें।
- हल्के रंग या सफेद रंग के सूती वस्त्र धारण करें।
- खाने में पौष्टिक खाद्य पदार्थ खाएं।
- फलों में रसीले फल, तरबूज व ककड़ी का सेवन करें।
- चाय, काफी, मंदिरा नहीं पियें बल्कि दही छाछ लस्सी का प्रयोग करें।
गर्मी से पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव
- रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के फिजिशियन डाक्टर एस के यादव ने गर्मी से पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों के बारे में भी बताया।
- गर्मी (तापघात) से प्रभावित होने वाले लक्षण शरीर का तापमान बढना एवं पसीना नहीं आना।
- सिर दर्द होना या सिर भारी होना, उल्टी दस्त होना।
- बेहोश होना। मांसपेशियों में ऐठन, त्वचा सूखना एवं त्वचा का लाल पडना।
तापघात का प्राथमिक उपचार
- व्यक्ति को छायादार एवं ठण्डे स्थान पर ले जाएं।
- तत्काल 108 पर डायल कर एम्बुलेंस से नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाएं।
- अगर बेहोश ना हो तो शीतल जल पिलाएं। गीले कपड़े या स्पंज रखें शरीर के कपड़े निकाल दें।
- पंखे से शरीर पर हवा डालें। शरीर के ऊपर पानी से स्प्रे करें।
- व्यक्ति को पैर ऊपर रखकर सुला दें।
- ज्यादा इमरजेंसी न हो तो धूप में बाहर न निकले। आवश्यक कार्य धूप निकलने के पहले निपटा लें या वातावरण में कुछ ठंडक आने का इंतजार करे।
- घर से बाहर निकलते समय पानी साथ में रखे और बिना इच्छा के जल का सेवन करते रहे।