अग्निकाण्ड की घटनाओं को रोक- थाम के लिए अपर जिला अधिकारी ने दिया सुझाव

कौशाम्बी। आज दिन शनिवार को अपर जिलाधिकारी  अरूण कुमार ने बताया है कि जनपद में ग्रीष्म ऋतु में ग्रामीण आंचल/शहरी क्षेत्र में अग्निकाण्ड की अधिकांश घटनायें होती रहती हैं।

उक्त घटनाओं को रोक – थाम के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें

फसल कटान के बाद अवशेष को खेतों में जलायें नहीं, तेज हवाओं के समय चूल्हे/भट्ठी पर भोजन न पकायें ,जलती हुई माचिस की तीली या अधजली बीड़ी और सिंगरेट को इधर-उधर न फेंके, खाना बनाते समय ढीले-ढाले और पॉलिस्टर के कपड़े न पहनें, बच्चों की पहुंच से माचिस, स्टोव, पटाखें, एसिड आदि दूर रखें, आग पकड़ने वाली खाद्य सामग्री और पैकेट बंद सामान को सिलेन्डर और चुल्हे से दूर रखें, बिजली के उपकरणों जैसे पंखा, ए०सी०, कूलर, फीज, हीटर, इंडक्शन को चेक करते रहें तथा बीच-बीच में उनकों बंद कर दें व अपने घरों में बिजली उपकरणों से सुरक्षा हेतु एम०सी०बी० लगवायें, सार्वजनिक स्थानों, ट्रेनों और बसों में बिजली उपकरणों से सुरक्षा हेतु एम०सी०बी० लगवायें|

कार्यालय परिसर में यदि आग की घटना हो जाय तो निकटतम उपलब्ध निकास मार्गो/सीढ़ियों का उपयोग करें तथा बाहर जाते समय यह सुनिश्चित करे लें कि कोई व्यक्ति छूट न जाये, यदि कपड़ों में आग लग जाये तो स्टॉप, ड्राप एण्ड रोल करें, किसी भी इमारत से बाहर निकलने के दो रास्ते जानिए, कभी भी आग के सामने खड़े न हों हमेशा धुऐं के नीचे रहने की कोशिश करें, अपना मुंह गीले कपड़े से ढक्कर रखने की कोशिश करें, किसी भी कारण से जलती हुई इमारत में दोबारा न जायें, सीढ़ियों और गलियारों को अव्यवस्थित न करें क्योंकि वह आपके भागने के रास्ते है, क्षेत्र में आग लगी की घटना होने पर तुरन्त स्थानीय पुलिस और अग्निशमन विभाग को सूचित करें, पेट्रोलियम पदार्था से लगी आग को बुझाने के लिए हमेशा बालू फायर एक्सटिग्विशर का प्रयोग करें, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, अग्निशमन विभाग से सम्बन्धित महत्वपूर्ण के दूरभाष नम्बरों या टोल-फ्री नम्बर-102/108,112, 1077, 101 जाने तथा किसी भी प्रकार की घटनाओं पर सहायता हेतु सम्पर्क करें।

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