जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के सुदूर जंगली इलाके में दिनभर चली मुठभेड़ में तीन आतंकवादी और इतने ही पुलिसकर्मी मारे गए। गुरूवार, 27 मार्च, 2025 को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकवादियों के साथ फिर से मुठभेड़ के बाद सुरक्षाकर्मी चौकसी बरतते हुए।
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के नेतृत्व में और सेना तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की मदद से हुई मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक समेत सात अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने न तो पुलिसकर्मियों की मौत की पुष्टि की है और न ही इनकार किया है, बल्कि कहा है कि शुक्रवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचने के बाद ही स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी।
पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि हाल ही में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के एक समूह के खिलाफ जम्मू-कश्मीर पुलिस के नेतृत्व में गुरुवार सुबह करीब 8 बजे मुठभेड़ शुरू हुई, जिसके बारे में माना जा रहा है कि वे पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) संगठन के सदस्य हैं।
राजबाग के घाटी जुथाना इलाके में जखोले गांव के पास हुई मुठभेड़ में लगभग पांच आतंकवादियों के एक समूह ने भाग लिया और शुरुआती गोलीबारी में तलाशी दल का नेतृत्व कर रहे उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सहित छह पुलिसकर्मी घायल हो गए, जैसा कि ऊपर उल्लेखित अधिकारियों ने बताया।
हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह वही समूह था जो कठुआ क्षेत्र के सान्याल जंगल में पहले की घेराबंदी से बच रहा था या घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों का कोई और समूह था।
अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान गोलीबारी और विस्फोट हुए, जिसमें दर्जनों स्थानीय युवकों को भारी हथियार और गोला-बारूद को घाटी के अंदर ले जाने में सुरक्षा बलों की मदद करते देखा गया। रिपोर्ट में उद्धृत अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए और एसडीपीओ समेत पांच पुलिसकर्मी कथित तौर पर मुठभेड़ स्थल के पास फंस गए, जो घने पेड़ों से घिरे एक नाले के पास था।
3 पुलिसकर्मी मारे गए
सूत्र समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि देर शाम को डीएसपी रैंक के अधिकारी एसडीपीओ को घटनास्थल से निकाल लिया गया, जबकि उनके तीन निजी सुरक्षा अधिकारी मृत पाए गए। उन्होंने बताया कि लापता पुलिसकर्मी के बारे में अभी पता नहीं चल पाया है। शुक्रवार को आधिकारिक पुष्टि होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों के शव भी अभी तक बरामद नहीं किए जा सके हैं, क्योंकि सुरक्षा बलों ने रात के लिए अभियान रोक दिया है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को दिन की पहली किरण के साथ अभियान फिर से शुरू किया जाएगा, क्योंकि माना जा रहा है कि इलाके में दो और आतंकवादी फंसे हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों के भी मारे जाने की आशंका है, लेकिन ड्रोन से उनके शव नहीं मिल पाए। एसडीपीओ के अलावा कठुआ अस्पताल में दो और पुलिसकर्मियों को भर्ती कराया गया है, जिनकी हालत स्थिर बताई गई है। सेना के दो जवान भी घायल हुए हैं, जिन्हें सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इलाके की घेराबंदी बढ़ाने के लिए शाम को सेना की विशेष टुकड़ियों को हवाई मार्ग से मुठभेड़ स्थल पर उतारा गया। उन्होंने बताया कि ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए दो आतंकवादियों के शव देखे गए हैं, जिन्हें शुक्रवार सुबह बरामद किया जाएगा।
इस बीच, जैश-ए-मोहम्मद के छद्म संगठन पीपुल्स एंटी-फासीस्ट फ्रंट ने पुलिस पार्टी पर गोलीबारी की जिम्मेदारी ली है। आतंकवादियों का समूह देखा गया पिछले रविवार शाम को कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में एसओजी ने आतंकवादियों के एक समूह को रोका था। अधिकारियों ने बताया कि बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान के बावजूद आतंकवादी शुरुआती घेराबंदी से भागने में सफल रहे। उन्होंने बताया कि माना जा रहा है कि उन्हें शुरुआती मुठभेड़ स्थल से करीब 30 किलोमीटर दूर जाखोले के पास देखा गया होगा। अधिकारियों ने बताया कि जब एक एसडीपीओ के नेतृत्व में पुलिस दल विशेष सूचना मिलने के बाद जंगल क्षेत्र से गुजर रहा था, तभी आतंकवादी वहां पहुंचे। उन्होंने बताया कि उन पर भारी गोलीबारी की गई, जिसके परिणामस्वरूप मुठभेड़ शुरू हो गई।
सोमवार को तलाशी दलों को हीरानगर मुठभेड़ स्थल के पास एम4 कार्बाइन की चार भरी हुई मैगजीन, दो ग्रेनेड, एक बुलेटप्रूफ जैकेट, स्लीपिंग बैग, ट्रैकसूट, खाने के पैकेट और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने की सामग्री समेत कई साक्ष्य मिले। पुलिस का मानना है कि आतंकवादियों ने शनिवार को सीमा पार से किसी खड्ड के रास्ते या नई बनी सुरंग के जरिए घुसपैठ की।