वैश्विक हथियार व्यापार में भारत की स्थिति
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत यूक्रेन के बाद 2020-24 के बीच वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक बन गया है।
यह रिपोर्ट भारत के रक्षा आयात की बदलती गतिशीलता पर प्रकाश डालती है, जिसमें आपूर्तिकर्ता संबंधों में एक उल्लेखनीय बदलाव शामिल है।
सिपरी रिपोर्ट (2020-24) के मुख्य निष्कर्ष
- यूक्रेन में उछाल: रूस के साथ चल रहे संघर्ष के कारण, यूक्रेन दुनिया का अग्रणी हथियार आयातक बन गया, जिसमें 100 गुना वृद्धि हुई।
- भारत की रैंकिंग: 2015-19 की अवधि की तुलना में 9.3% की कमी के बावजूद, भारत ने हथियार आयात में दूसरा स्थान हासिल किया।
- चीन का घरेलू विकास: चीन शीर्ष 10 हथियार आयातकों से बाहर हो गया है, जो उसके घरेलू रक्षा उद्योग के विकास का संकेत देता है।
- पाकिस्तान के आयात में वृद्धि: पाकिस्तान के हथियार आयात में 61% की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जिसमें चीन ने 81% आयात की आपूर्ति की।
- यूरोपीय पुनरस्त्रीकरण: भू-राजनीतिक तनाव और सैन्य पुनरस्त्रीकरण प्रयासों से प्रेरित होकर यूरोपीय हथियार आयात में 155% की वृद्धि हुई।
भारत की विकसित रक्षा आयात रणनीति
- रूस की घटती हिस्सेदारी: जबकि रूस भारत का शीर्ष आपूर्तिकर्ता बना हुआ है, इसकी हिस्सेदारी 2015-19 में 55% और 2010-14 में 72% से घटकर 36% हो गई है।
- फ्रांस का उदय: फ्रांस एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन गया है, जो भारत को अपने कुल हथियार निर्यात का 28% हिस्सा है।
- फ्रांस के साथ महत्वपूर्ण सौदे: भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल जेट और छह स्कॉर्पीन-श्रेणी की पनडुब्बियों की खरीद सहित प्रमुख सैन्य अनुबंधों को अंतिम रूप दिया है।
- भविष्य के अधिग्रहण: 26 राफेल-एम जेट और तीन अतिरिक्त पनडुब्बियों के सौदों को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।
वैश्विक हथियार हस्तांतरण और निर्यात गतिशीलता
- अमेरिकी प्रभुत्व: संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने वैश्विक हथियार बाजार हिस्सेदारी को 43% तक बढ़ा दिया है, जिससे एक अग्रणी हथियार निर्यातक के रूप में अपनी स्थिति मजबूत हुई है।
- रूस के निर्यात में गिरावट: रूस के हथियार निर्यात में 64% की गिरावट आई है, जो अब वैश्विक निर्यात का केवल 7.8% प्रतिनिधित्व करता है, जो फ्रांस (9.6%) से पीछे है।
- इटली का उदय: इटली हथियार निर्यात में छठे स्थान पर पहुंच गया है, जो वैश्विक हथियार व्यापार में 4.8% हिस्सेदारी रखता है।
- यूक्रेन का आपूर्ति नेटवर्क: 2022 से, 35 देशों ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति की है, जिनकी डिलीवरी जारी है।
सिपरी क्या है?
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) संघर्ष, आयुध, शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण पर अनुसंधान के लिए समर्पित एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्थान है।
स्वीडन के स्टॉकहोम में 1966 में स्थापित, सिपरी का उद्देश्य वैश्विक रक्षा गतिशीलता पर नीति निर्माताओं को डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि प्रदान करना है।
कार्य और महत्व
- वैश्विक हथियार व्यापार के रुझानों और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर उनके प्रभाव का विश्लेषण करता है।
- सैन्य खर्च और इसके रणनीतिक निहितार्थों की निगरानी करता है।
- सूचित निर्णय लेने के लिए मूल्यवान डेटा और विश्लेषण प्रदान करता है।
निष्कर्ष: वैश्विक हथियार व्यापार की जटिलताओं से निपटना
सिपरी रिपोर्ट वर्तमान वैश्विक हथियार व्यापार परिदृश्य का एक व्यापक अवलोकन प्रदान करती है, जो भारत की आयात रणनीति और अंतरराष्ट्रीय हथियार हस्तांतरण की व्यापक गतिशीलता में महत्वपूर्ण बदलावों पर प्रकाश डालती है।