विकास बनाम विस्थापन: क्या शहरों की चमक गाँवों को निगल जाएगी?
भारत के हृदय में, जहाँ खेतों की हरी चादरें शहरों के कंक्रीट जंगलों से टकराती हैं, एक मौन युद्ध छिड़ा है। यह युद्ध है, विकास बनाम विस्थापन का। क्या विकास की चमकदार इमारतें और चौड़ी सड़कें गाँवों की आत्मा को कुचल देंगी? क्या शहरों की चकाचौंध में गाँवों की सादगी गुम हो जाएगी? आज, गाँवों … Read more