कौशांबी: चायल तहसील सहित जनपद की तीनों तहसील—मंझनपुर, सिराथू और चायल—में सर्किल रेट में तीन गुना से लेकर सीधे नौ गुना तक की गई भारी वृद्धि के विरोध में अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। बुधवार को अधिवक्ताओं ने चायल तहसील परिसर में एकजुट होकर नारेबाजी की और सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया। हड़ताल के चलते जमीन की रजिस्ट्री पूरी तरह ठप पड़ी है, जिससे राजस्व विभाग को अब तक लगभग 50 लाख रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। अधिवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन ने शीघ्र ही इस जनविरोधी निर्णय को वापस नहीं लिया, तो आंदोलन और अधिक व्यापक और उग्र रूप ले सकता है। बार एसोसिएशन चायल के अध्यक्ष जगजीत सिंह ने धरना स्थल पर सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सर्किल रेट में की गई यह भारी वृद्धि पूरी तरह से एकतरफा और मनमाने ढंग से लागू की गई है। उन्होंने कहा, “यह केवल वकीलों की नहीं, बल्कि आम नागरिकों की भी समस्या है। इस वृद्धि से जमीन खरीदना आम जनता के लिए असंभव हो जाएगा। इससे न केवल रियल एस्टेट कारोबार प्रभावित होगा, बल्कि मध्यमवर्ग और निम्नवर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।”
अधिवक्ताओं ने मांग की कि प्रशासन इस निर्णय को तत्काल निरस्त करे और सर्किल रेट निर्धारण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए जनता से प्राप्त आपत्तियों पर गंभीरता से विचार करे। अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों की अनदेखी की गई, तो वे चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को जिला मुख्यालय और फिर राज्य स्तर तक विस्तारित करेंगे।
वरिष्ठ अधिवक्ताओं की सक्रिय भागीदारी
धरने में बार एसोसिएशन अध्यक्ष जगजीत सिंह, मंत्री राजेश्वर यादव, कोषाध्यक्ष अजीत सिंह, पूर्व मंत्री सगीर अहमद, अधिवक्ता योगेश मिश्रा (नोटरी), सौरभ गुप्ता, प्रभात कुमार, प्रशांत मिश्रा, प्रवेश यादव, अमर सिंह, मजीत सिंह, सुखलाल यादव विद्यासागर एडवोकेट, रिंकू पासी, प्रवेश यादव,अनितेश कुमार, मनोज साहू, सत्यम पांडेय, कपिल मिश्रा, शिवम, ओझा, शनि मिश्रा, अजय सेन, मोहम्मद अमीर, वरिष्ठ अधिवक्ता अजय पांडेय, प्रकाशन मंत्री बाल करन राहुल गौतम,क्लार्क सुभाष पटेल, अमीन अहमद, सुरेंद्र यादव, सहित वरिष्ठ और युवा अधिवक्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।