कौशाम्बी: सिराथू सर्किल में बेलगाम ओवरलोड ट्रैक्टर, बालू माफिया बेख़ौफ, जिम्मेदार अधिकारी मौन

कौशाम्बी: जिले के सैनी थाना क्षेत्र अंतर्गत सिराथू सर्किल में ओवरलोड ट्रैक्टरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन तेज रफ्तार से फर्राटा भरते ये ट्रैक्टर न केवल यातायात नियमों की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं, बल्कि राहगीरों और स्थानीय निवासियों के लिए भी गंभीर खतरे का सबब बन गए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि बालू माफिया को न तो कानून का खौफ है और न ही किसी बड़ी दुर्घटना का डर। इस गंभीर विषय पर जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।

खतरा बने ओवरलोड ट्रैक्टर सिराथू सर्किल से गुजरने वाले मार्गों पर बालू से भरे ओवरलोड ट्रैक्टरों की आवाजाही सामान्य बात हो गई है। ये ट्रैक्टर क्षमता से कई गुना अधिक बालू लादकर तेज गति से दौड़ते हैं, जिससे न केवल सड़क पर संतुलन खोने का खतरा बना रहता है, बल्कि अचानक ब्रेक लगाने पर पलटने की आशंका भी बढ़ जाती है। इन ट्रैक्टरों में अक्सर नंबर प्लेट नहीं होते या वे अस्पष्ट होते हैं, जिससे दुर्घटना की स्थिति में पहचान करना मुश्किल हो जाता है।

बालू माफिया का आतंक सूत्रों की मानें तो यह पूरा खेल बालू माफिया की मिलीभगत से चल रहा है। नदियों से अवैध खनन कर बालू का परिवहन धड़ल्ले से किया जा रहा है और ये ओवरलोड ट्रैक्टर इसी अवैध कारोबार का हिस्सा हैं। माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्हें स्थानीय प्रशासन का कोई डर नहीं है। बताया जाता है कि राजनीतिक संरक्षण और कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत के चलते इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती।

जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी क्षेत्र में लगातार बढ़ रही इन घटनाओं के बावजूद, प्रशासन और पुलिस विभाग की ओर से कोई ठोस कदम न उठाया जाना आश्चर्यजनक है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि शिकायतें करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं होती और जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे प्रकरण पर मौन धारण किए हुए हैं। यह चुप्पी न केवल आम जनता के भरोसे को तोड़ती है, बल्कि अपराधियों को और अधिक बढ़ावा देती है।

कभी भी हो सकती है बड़ी घटना

तेज रफ्तार और ओवरलोड ट्रैक्टरों के कारण क्षेत्र में दुर्घटनाओं का जोखिम लगातार बढ़ रहा है। छोटी-मोटी दुर्घटनाएं तो आम बात हो गई हैं, लेकिन किसी भी दिन कोई बड़ी और जानलेवा दुर्घटना होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। स्थानीय निवासी लगातार डर के साए में जीने को मजबूर हैं, खासकर बच्चे और बुजुर्गों का सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है।

आवश्यकता है त्वरित कार्रवाई की

इस गंभीर स्थिति पर तत्काल ध्यान देने और प्रभावी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और खनन विभाग को मिलकर इस अवैध कारोबार पर नकेल कसनी होगी। ओवरलोड ट्रैक्टरों के खिलाफ सख्त अभियान चलाकर उन पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए और अवैध खनन में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। जनता को सुरक्षित यातायात का अधिकार है और यह सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। अन्यथा, किसी भी दिन होने वाली बड़ी दुर्घटना की जिम्मेदारी पूरी तरह से मौन बैठे अधिकारियों की होगी।

 

 

 

 

 

Leave a Comment

error: Content is protected !!