चायल एसडीएम आकाश सिंह की प्रशासनिक गरज से कांपे भूमाफिया, बुलडोज़र बना न्याय की गूंज

कौशाम्बी:  जहां कानून की लकीर मिटाने की हिमाकत की गई,  वहीं प्रशासन ने अपने बुलडोज़र से नया नक्शा खींच दिया। चायल तहसील के नौवापुर गांव में जब सरकारी जमीन को निगलने की कोशिश की गई,  तब SDM आकाश सिंह ने खुद मोर्चा संभाल लिया। गाटा संख्या 22 की बेशकीमती सरकारी ज़मीन पर भूमाफिया नीरज पुत्र सुभाष (निवासी – पंतरवा तालाब, बमरौली, प्रयागराज) ने दबंगई से रास्ता बना लिया। खबर जैसे ही ग्राम प्रधान मीना देवी तक पहुंची, तो उनके प्रतिनिधि भारत लाल ने मौके पर पहुंचकर ज़मीनी सच्चाई को देखा और तुरंत एसडीएम से लिखित शिकायत कर दी। शिकायत हाथ में आते ही प्रशासनिक मशीनरी जाग उठी। लेकिन इस बार सिर्फ कागजों में नहीं – हकीकत में। एसडीएम आकाश सिंह ने न कोई फाइल घुमाई, न कुर्सी पर बैठकर आदेश दिए – वे खुद मौके पर पहुंचे, हालात देखे, और आदेश नहीं… सीधे बुलडोज़र चलवा दिया।

इस बुलडोज़र की गड़गड़ाहट महज ज़मीन पर नहीं, पूरे क्षेत्र में कानून की गूंज बनकर गूंजी। एसडीएम चायल की मौजूदगी में सरकारी जमीन पर बने अवैध रास्ते को रौंदते हुए बुलडोज़र ने यह संदेश दे डाला – “यह सरकार की जमीन है, जनहित की जमीन है – इसे कोई जेब में नहीं रख सकता।” इस सख्त एक्शन के बाद गांव में जहां प्रशासन की जय-जयकार सुनाई दी, वहीं भूमाफियाओं की जुबान सूख गई। लोगों ने कहा – “ऐसा अफसर बहुत दिनों बाद देखा है, जो सिर्फ आदेश नहीं देता, बल्कि खुद न्याय की अगुवाई करता है।”

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