दमोह: ऑपरेशन करने वाला फर्जी डॉक्टर की गिरफ़्तारी के बाद लैब सील

दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह के स्वास्थ्य अधिकारियों ने मिशन अस्पताल की कैथ लैब को सील कर दिया है, जहां मरीजों का ऑपरेशन ‘फर्जी’ डॉक्टर ने किया था, जिसने कथित तौर पर मरीजों का दिल का ऑपरेशन किया था और कम से कम सात लोगों की जान ले ली थी।

जिला प्रशासन के निर्देश पर, केवल कैथ लैब को सील किया गया है, क्योंकि सभी ऑपरेशन और मामले यहीं हुए हैं। इस क्षेत्र में सबूत हैं, इसलिए हमने लैब को सील कर दिया है। कई मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी इसी कैथ लैब में की गई थी, जिनकी मौत हो गई थी,” जिला स्वास्थ्य अधिकारी विक्रांत सिंह चौहान ने बुधवार को अस्पताल में संवाददाताओं को बताया।

लैब सील

मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को गिरफ्तार करने के बाद लैब को सील कर दिया गया है। यादव ने कथित तौर पर ब्रिटिश डॉक्टर एन जॉन कैम के रूप में खुद को पेश किया और दमोह के मिशन अस्पताल में कई दिल की सर्जरी की, जिसमें कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई। यादव पर दस्तावेजों में जालसाजी करने का भी आरोप है।

पीड़ितों का बयान

पीड़ितों के रिश्तेदारों में से एक, जितेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि वह अपने पिता को सीने में दर्द होने पर अस्पताल ले गया और डॉक्टरों ने सर्जरी की सलाह दी। उन्होंने कहा, “मेरा नाम जितेंद्र सिंह राजपूत है। मैं अपने पिता को सीने में दर्द होने पर अस्पताल ले गया। डॉक्टरों ने कहा कि यह दिल का दौरा है और उनका ऑपरेशन करना होगा। मैंने उनसे कहा कि मेरे पास पैसे नहीं हैं और उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है।”

सख्त कार्रवाई सुनिश्चित

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और मंत्री प्रहलाद पटेल ने इस मामले में सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की है।

मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, “दमोह में जो घटना सामने आई है, उसमें हमारी सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है। हमारी सरकार ऐसे मामलों में कार्रवाई करने में कोई देरी नहीं करती। हमारी सरकार ने अपनी साख बनाई है। मैंने निर्देश दिया है कि अगर ऐसा कोई और मामला है, तो स्वास्थ्य विभाग उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।” राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने 9 अप्रैल को कहा कि मिशनरी अस्पताल पहले भी विवादों में रहा है। उन्होंने एएनआई से कहा, “वह संस्थान (मिशनरी अस्पताल) पहले से ही विवादों में रहा है… यह एक गंभीर मामला है, और उस जगह पर लगातार विवाद होते रहे हैं, इसलिए सख्त जांच होनी चाहिए… मामले में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, और पीड़ितों को राहत पहुंचाने और दोषियों को दंडित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।”

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