रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गये बिजली विभाग के जेई और संविदा कर्मी

Uttar Pradesh: बांदा जिले के जसपुरा क्षेत्र में बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर (जेई) रविंद्र और संविदा कर्मी आलोक को ₹16,000 की घूस लेते हुए गिरफ्तार किया गया। स्थानीय निवासियों की शिकायत पर एंटी-करप्शन टीम ने छापेमारी की और दोनों अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। पुलिस ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ कि दोनों लंबे समय से अवैध रूप से पैसे लेकर विभागीय कार्य करवा रहे थे। इस घटना ने सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की समस्या को एक बार फिर उजागर किया है।

विद्युत उपकेन्द्र जसपुरा का मामला

भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने बांदा जनपद के जसपुरा कस्बा स्थित विद्युत उपखण्ड विभाग के अवर अभियन्ता एवं लाइनमैन को शिकायतकर्ता से नलकूप के लिए विद्युत कनेक्शन दिए जाने के नाम पर घूस माँगने पर रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। जसपुरा क्षेत्र के ग्रामीण व शिकायतकर्ता द्वारा भ्रष्टाचार निवारण संगठन लखनऊ से शिकायत की गई थी कि जसपुरा विद्युत उपखण्ड के अवर अभियन्ता रविन्द्र कुमार तथा लाइनमैन आलोक कुमार मिश्रा द्वारा नलकूप के विद्युत कनेक्शन के एवज में रिश्वत की माँग की जा रही है। जिसे संज्ञान में लेते हुए भ्रष्टाचार निवारण की टीम ने दोनों ही विद्युत कर्मियों को रिश्वत लेते हुए रंगे-हाथ गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ लखनऊ ले गई।

16 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार

बिजली विभाग

जेई रवीन्द्र व आलोक संविदा कर्मी विद्युत उपकेन्द्र जसपुरा में तैनात हैं । इन्होने स्थानीय निवासी पीड़ित हनीफ से 16 हजार रुपये की रिश्वत ट्यूबवेल कनेक्शन कराने के नाम पर मांगी थी। परेशान उपभोक्ता हनीफ ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन से की। एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया और दोनो को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एंटी करप्शन टीम जेई रवीन्द्र और संविदा कर्मी अलोक को थाना कोतवाली नगर लाकर रिपोर्ट दर्ज कराई है और आगे की पूंछताछ कर रही है।

जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा

यहां बीते 12 महीनों में एंटी करप्शन व्यूरो की यह चैथी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले बेसिक शिक्षा विभाग के एस डी सी एमडीएम आश्वानी भास्कर और खंड शिक्षाधिकारी रवीन्द्र वर्मा भी रिश्वत लेते गिरफ्तार हो चुके हैं। इस कार्रवाई को मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा माना जा रहा
है। बीते वर्ष 2016 से लेकर अब तक एंटी करप्शन टीम लगभग 10 कर्मचारियों
को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है।

Leave a Comment

error: Content is protected !!