अपने हक और अधिकार के प्रति सजग रहे नारीशक्ति — पूर्णिमा प्रांजल

 

*अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रिज़वी कॉलेज ऑफ लॉ परिसर में विधिक सेवा प्राधिकरण की जिला सचिव ने नारीशक्ति को किया संबोधित,गिनाई उनके हक और अधिकार*

*कौशाम्बी।* करारी कस्बा स्थित डॉ0 रिज़वी कॉलेज ऑफ लॉ में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शनिवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव पूर्णिमा प्रांजल रहीं।उन्होंने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।महाविद्यालय के प्राचार्य ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्राओं,महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई दिया।

करारी कस्बा के रिज़वी कॉलेज ऑफ लॉ में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में छात्राओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव पूर्णिमा प्रांजल ने भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।उन्होंने कहा कि यह महिलाओं के लिए गर्व का विषय है कि पूरे विश्व में आठ मार्च को अंतरर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इसका जन्म1908 में न्यूयॉर्क शहर में हुआ था।जब लगभग 15,000 महिलाओं ने कम काम के घंटे, बेहतर मज़दूरी और मतदान के अधिकार की माँग करते हुए सड़कों पर मार्च निकाला था।इसके बाद 1909 में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमेरिका ने पहला राष्ट्रीय महिला दिवस आयोजित किया। 1910 में कोपेनहेगन में द्वितीय अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी महिला सम्मेलन आयोजित किया गया, जहाँ जर्मन समाजवादी और महिला अधिकार कार्यकर्ता, क्लारा ज़ेटकिन ने एक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की स्थापना का विचार प्रस्तावित किया।इसके बाद 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। 1917 में रूसी क्रांति के दौरान, महिलाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यह दिन 8 मार्च को मनाने का निर्णय लिया गया।आज का यह दिन पूरी दुनिया में महिलाओं की उपलब्धियों और योगदान का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि आज भारत ही नहीं बल्कि विश्व में महिलाएं हर वो काम कर रही हैं जो एक पुरुष करता है।भारत की राष्ट्रपति भी महिला हैं।भारत सरकार महिलाओं का सम्मान करने के लिए बहुत सी योजनाएं चलाकर लाभ पहुंचा रही है।

रिज़वी कॉलेज ऑफ लॉ के प्राचार्य मुहम्मद ज़फ़र ने लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि नारी सशक्तिकरण और स्वतंत्रता का महत्व महिलाओं को अपनी शक्ति और क्षमता को पहचानने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता हैं।नारी स्वतंत्रता का मतलब उसकी शक्ति को पहचानना और सम्मान देना है।हर नारी को खुद पर विश्वास होना चाहिए, तभी वह कुछ बड़ा कर सकती है।एक महिला केवल घर नहीं संभालती, वह पूरी दुनिया बदल सकती है।सशक्त महिला वह है जो खुद के फैसले लेने में सक्षम हो।महिलाओं को अपने अधिकारों और क्षमताओं के बारे में जागरूक करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस प्रेरित करता है।महाविद्यालय के प्राचार्य मुहम्मद ज़फ़र ने मुख्य अतिथि को उपहार देकर सम्मानित किया।कार्यक्रम का संचालन ज़किया सुल्ताना ने किया।साथ ही उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्राओं, महिलाओं का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर आलोक श्रीवास्तव ,एजाज़ अहमद,मनीष पांडेय, हुसैन फ़ातमा सहित सैकड़ों की संख्या में छात्रा व छात्र उपस्थित रहे।

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