पति-पत्नी सुलह समझौता: परिवार परामर्श केंद्र कौशाम्बी मे दंपति व उनके परिजनों की सहमति से सुलह समझौता
पुलिस अधीक्षक कौशाम्बी श्री बृजेश कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में परिवार परामर्श केंद्र टीम द्वारा 01 फाइल में दाम्पत्य व उनके परिजनों की सहमति से सुलह समझौता किया गया । दोनों पक्षों की परिवार परामर्श केंद्र द्वारा पति-पत्नी को उनके जीवन की पारिवारिक कर्तव्य को बताते हुए समझाया गया। शादीशुदा जोड़े द्वारा बताया गया कि अब हम दोनों के बीच किसी प्रकार का कोई मनमुटाव नहीं रह गया है।
दोनों अपनी खुद की सहमति से निवारण करना चाहते हैं । परिवार परामर्श केंद्र द्वारा पति और पत्नी की सुलह करायी गयी। दोनों पक्षों द्वारा व्यक्त किया गया, कि अब हम दोनो एक दूसरे के साथ प्रेम पूर्वक अपना जीवन यापन करेंगे । परिवार परामर्श केंद्र द्वारा दोनों पक्षों को सलाह दी गयी कि अपने बड़ों का सम्मान करते हुए अपने जीवन की नई शुरुआत करें।
पति-पत्नी और उनके परिजनों की सहमति से सुलह समझौता पारिवारिक विवादों को सुलझाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
हालांकि, यह समझना आवश्यक है कि ऐसा समझौता कानूनी रूप से तलाक के बराबर नहीं होता।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है।
कि पति-पत्नी द्वारा हस्ताक्षरित अलगाव समझौते की कोई कानूनी वैधता नहीं है।
और यह तलाक के समकक्ष नहीं माना जा सकता।
इसलिए, यदि पति-पत्नी अपने वैवाहिक संबंधों को कानूनी रूप से समाप्त करना चाहते हैं।
तो उन्हें संबंधित पारिवारिक न्यायालय में तलाक की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
सुलह समझौता आपसी विवादों को सुलझाने में सहायक हो सकता है, लेकिन यह कानूनी तलाक प्रदान नहीं करता।